Monday, May 4, 2015

भारत वर्ष ऋग्वेद में

 Bharat in Vedas
RV2.7
6  सोमाहुतिर्भार्गव: अग्नि: गायत्री

1.  श्रेष्ठं यविष्ठ भारताऽग्ने द्युमन्तमा भर
वसो पुरुस्पृहं रयिम् ।। RV2.7.1.
In Bharat all to have temperaments enlightened by zeal that is fired by desires to have excellent prosperity.
भारत जहां जहां सब जनों की हृदयाग्नि में अपने जीवन में उत्तम समृद्धि की इच्छा से प्रेरित हैं |
 



2.  मा नो अरातिरीशत देवस्य मर्त्यस्य
पर्षि तस्या उत द्विष:  ।। RV2.7.2
और वे ऐसी समृद्धि की इच्छा करते हैं जिस के परिणम स्वरूप उत्तम और साधरण सब जनों के  प्रति उदारता, अहिंसा,अपरिग्रह ,दयालु और द्वेष भावना रहित  जो मनोवृत्ति से शासित  हो |
Prosperity  that is  governed with temperaments of kindness, philanthropy, egalitarian, tolerance towards one and all  without any  ill will and selfishness .


3.  विश्वा उत त्वया वयं धारा उदन्याँ  इव
अतिगाहेमहि द्विष: ।।RV 2.7.3
Fired by excellent intellect reflect and think over to  eliminate all thoughts to decimate all unfriendly , hostile and  inimical situations that are presented in life situations in the same manner  as strong currents of water churn to decimate all pollutants.    

4.  शुचि: पावक वन्द्याऽग्ने बृहद् वि रोचसे
त्वं घृतेभिराहुत:  ।। RV2.7.4
जिस प्रकार घृत की आहुति से प्रचण्ड यज्ञाग्नि स्वच्छता और पवित्रता  का प्रसार करने के लिए वन्दनीय हैं ( उसी प्रकार सब का आचरण और व्यवहार भी ज्योतिष्मान – प्रशंसनीय और यज्ञमय हो )


5.  त्वं नो असि भारताऽग्ने वशाभिरुक्षभि:
अष्टापदीभिराहुत:  ।। RV2.7.5
तुम सब जन भारत वासी वशा –गौमाता द्वारा सिंचित अष्ट पदों से आहुत हो कर पुष्ट बने हो | (अष्टापदीराहुत – जो  जीवन में भारतीय संस्कृति की अष्टाङ्ग योग- यम, नियम, आसन , प्राणायाम, धरणा, ध्यान और समाधि की आहुतियों से सिंचित है ) सम्पूर्ण अष्टाङ्ग योग केवल गो आधारित जैविक कृषि से उत्पन्न मानसिकता से ही सम्भव होता है 

6.  द्रवन्न: सर्पिरासुति: प्रत्नो होता वरेण्य: सहसस्पुत्रो अद्भुत:  ।।RV 2.7.6
द्रवन्न - आहार से उत्पन्न रस ,सर्पिरासुति: सर्पिर  +असुति: - जब सर्प के समान तीव्र गति से सरकने वाले द्रव्य होते हैं तब वे, असुति: रोगों को शरीर से बाहर फैंकने वाले  होते हैं, होता – विद्वान जन इस ज्ञान का वरण करते हैं | यह ज्ञान अद्भुत संतति प्रदान करता है |

( यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण शारीरिक विज्ञान है जिसे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान HDL fats और कम पृष्टतनाव के द्रव्यों low Surface tension intercellular body fluids के महत्व द्वारा दीर्घायु और मानव स्वास्थ्य से जोड़ कर देखता है | आधुनिक के अनुसारवनस्पतियों की भी बढ़ोतरी औए गुणवत्ता  के लिए कम पृष्टतनाव के द्रव्यों low Surface tension intercellular body fluids उर्वरकों के द्रव्यों का बड़ा महत्व है  |

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